Makar Sankranti 2024 Snan: मकर संक्रांति पर क्यों करते हैं स्नान? जान लें ये 3 कारण अंतिम वजह बहुत लोगों को नहीं होगी पता

Makar Sankranti 2024 Snan: मकर संक्रांति पर क्यों करते हैं स्नान? जान लें ये 3 कारण अंतिम वजह बहुत लोगों को नहीं होगी पता

हाइलाइट्स

मकर संक्रांति के दिन स्नान करने से पाप मिटते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है.
मकर संक्रांति पर स्नान के बाद आपको अपने पितरों के लिए तर्पण और दान करना चाहिए.

मकर संक्रांति के दिन स्नान और दान करने का बड़ा महत्व है. इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करते हैं. इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी दिन सोमवार को है. मकर संक्रांति तब मनाते हैं, जब ग्रहों के राजा सूर्य देव शनि महाराज की राशि मकर में गोचर करते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव का कहना है कि इस साल सूर्य देव 15 जनवरी को 02:54 एएम पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे, उस समय मकर संक्रांति का क्षण होगा. सूर्य देव 15 जनवरी से 13 फरवरी दिन मंगलवार को दोपहर 03:54 पीएम तक मकर राशि में रहेंगे, उसके बाद शनि की दूसरी राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे. मकर संक्रांति पर स्नान क्यों करते हैं? आइए जानते हैं ​इसके बारे में.

मकर संक्रांति पर स्नान का महत्व

1. मकर संक्रांति के अवसर पर ब्रह्म मुहूर्त से स्नान प्रारंभ हो जाता है. इस दिन गंगा स्नान का बड़ा महत्व है. मकर संक्रांति के दिन स्नान करने से पाप मिटते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है.

2. मकर संक्रांति पर सूर्य देव की कृपा पाने के लिए अर्घ्य दिया जाता है. उससे पहले स्नान करना जरूरी है. स्नान करने से शरीर पवित्र होता है और मन निर्मल हो जाता है. उसके बाद ही सूर्य देव को जल, लाल चंदन, लाल फूल आदि से अर्घ्य दिया जाता है. सूर्य पूजा करते हैं और उनसे संंबंधित वस्तुओं का दान करते हैं. मकर संक्रांति पर स्नान के बाद गेहूं, गुड़, तिल, गरम कपड़े, अनाज आदि का दान करते हैं.

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3. मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करना महत्वपूर्ण होता है. गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. विष्णु पुराण में बताया गया है कि राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए मां गंगा को अपने कठोर तप से पृथ्वी पर बुलाया. मां गंगा ब्रह्मा जी के कमंडल से निकलकर भगवान शिव की जटाओं में होती हुई हिमालय से पृथ्वी पर आईं.

कहा जाता है कि मां गंगा जब कपिल मुनि के आश्रम के पास पहुंचीं तो उस दिन मकर संक्रांति थी. उनके स्पर्श मात्र से राजा सागर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष की प्राप्ति हुई. उनको कपिल मुनि ने अपने श्राप से भस्म कर दिया था क्योंकि उन लोगों ने कपिल मुनि पर अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा चुराने का आरोप लगाया था. उसके बाद मां गंगा सागर में जाकर मिल गईं.

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मकर संक्रांति पर स्नान के बाद आपको अपने पितरों के लिए तर्पण और दान करना चाहिए. इससे आपको अपने पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा. आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आएगी.

मकर संक्रांति 2024 स्नान और दान का शुभ समय

15 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन स्नान और दान का शुभ समय महा पुण्य काल में सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09:00 बजे तक है. वैसे मकर संक्रांति पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05 बजकर 27 मिनट से सुबह 06 बजकर 21 मिनट तक है.

मकर संक्रांति का पुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शाम 05 बजकर 46 मिनट तक है. उस ​दिन रवि योग बना है, जो सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 08 बजकर 07 मिनट तक है.

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