Mrityu Panchak 2024: नए साल का पहला पंचक मृत्यु समान दे सकता है कष्ट, जानें कब से लगेगा मृत्यु पंचक? ये 4 काम भूलकर भी न करें
हाइलाइट्स
मृत्यु पंचक को मृत्यु के समान कष्ट देने वाला माना जाता है.
नए साल में मृत्यु पंचक का प्रारंभ 13 जनवरी दिन शनिवार से हो रहा है.
नए साल का पहला पंचक मृत्यु के समान कष्ट देने वाला साबित हो सकता है क्योंकि इसका प्रारंभ शनिवार के दिन से हो रहा है. शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक के नाम से जाना जाता है. यह 5 दिनों तक मान्य होता है. मृत्यु पंचक में ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. पंचक में कुछ कार्यों करने की मनाही होती है. मृत्यु पंचक को मृत्यु के समान कष्ट देने वाला माना जाता है, इसमें दुर्घटना, रोग, जन और धन की हानि का डर रहता है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि मृत्यु पंचक कब से लग रहा है? मृत्यु पंचक का समापन कब होगा? मृत्यु पंचक में क्या नहीं करना चाहिए?
कब से लग रहा है मृत्यु पंचक 2024?
पंचांग के अनुसार, नए साल में मृत्यु पंचक का प्रारंभ 13 जनवरी दिन शनिवार से हो रहा है. 13 जनवरी को मृत्यु पंचक रात 11 बजकर 35 मिनट से प्रारंभ होगा और अगले दिन सुबह 07:15 बजे तक रहेगा.
कब से कब तक है मृत्यु पंचक?
नए साल 2024 का पहला पंचक यानि मृत्यु पंचक 13 जनवरी से 18 जनवरी दिन गुरुवार को 03:34 एएम तक रहेगा. मकर संक्रांति 15 जनवरी को है और उस पर्व पर पूरे दिन मृत्यु पंचक रहेगा.
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कब लगता है पंचक?
ज्योतिष के अनुसार, जब चंद्र देव रेवती, शतभिषा, धनिष्ठा, उत्तरा भाद्रपद या पूर्व भाद्रपद में से किसी एक नक्षत्र में आते हैं तो उस समय पंचक लगता है. यह पंचक 5 दिन तक होता है.
मृत्यु पंचक से क्या हानि होती है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मृत्यु पंचक के समय में किसी की मृत्यु होती है और उसमें उसका अंतिम संस्कार किया जाता है तो उस परिवार में 5 लोगों की मृत्यु होने की आशंका रहती है. इस बचने के लिए गरुड़ पुराण में बताए गए उपाय को करना चाहिए.
उसके अनुसार, जब शव का अंतिम संस्कार होता है तो उसके साथ ही कुश या आटे के 5 पुतले बनाकर उनका भी विधिपूर्वक दाह संस्कार करना चाहिए. इस उपाय को करने से मृत्यु पंचक का अनिष्ट दूर हो जाता है और परिवार पर कोई संकट नहीं आता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है.
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मृत्यु पंचक में क्या न करें
1. पंचक के समय में दक्षिण दिशा की यात्रा करने की मनाही है क्योंकि इसे यमराज की दिशा मानते हैं. यदि दक्षिण में यात्रा करना अनिवार्य ही है तो आपको हनुमान जी की पूजा करने के बाद जाना चाहिए. उनसे संकटों से रक्षा की प्रार्थना करनी चाहिए.
2. पंचक के समय में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे गृह प्रवेश, विवाह, सगाई, मुंडन आदि नहीं करते हैं.
3. पंचक में लकड़ी की चारपाई नहीं बनवाएं या लकड़ी का कोई सामान न खरीदें.
4. पंचक को अशुभ मानते हैं, इसलिए मकान की छत नहीं ढलवानी चाहिए. यदि ऐसा करते हैं तो धन की हानि हो सकती है. घर में अशांति होती है.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha
FIRST PUBLISHED : January 9, 2024, 09:11 IST