Kaal Sarp Dosh Upay: पौष अमावस्या पर करें 5 आसान उपाय, कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति, जानें क्या होते हैं संकेत
हाइलाइट्स
कुंडली में जब राहु और केतु एक तरफ हों और बाकी ग्रह दूसरी ओर हों तो कालसर्प दोष बनता है.
कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उसे स्वप्न में सांप दिखाई देता है या फिर मृत्यु के सपने आते हैं.
11 जनवरी दिन गुरुवार को पौष अमावस्या है. पौष अमावस्या के दिन जिस प्रकार से पितृ दोष के उपाय किए जाते हैं, वैसे ही कालसर्प दोष के भी उपाय किए जाते हैं. कुंडली में राहु और केतु के साथ अन्य ग्रहों से बनने वाली विशेष स्थिति से कालसर्प दोष उत्पन्न होता है. कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति का जीवन प्रभावित होता है. जब कालसर्प दोष होता है तो उसके कुछ संकेत भी ज्योतिषशास्त्र में बताए गए हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय क्या हैं. कालसर्प दोष के संकेत क्या हैं?
कालसर्प दोष क्या है?
ज्योतिषाचार्य मिश्र का कहना है कि कुंडली में जब राहु और केतु एक तरफ हों और बाकी ग्रह दूसरी ओर हों तो कालसर्प दोष बनता है. कुंडली में प्रमुख रूप से 12 तरह के कालसर्प दोष बताए गए हैं, लेकिन इनकी संख्या 288 तक हो सकती है.
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कालसर्प दोष के संकेत क्या हैं?
1. जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उसे स्वप्न में सांप दिखाई देता है या फिर अपनी मृत्यु के सपने आते हैं.
2. कालसर्प दोष के कारण करियर में अनेक प्रकार की बाधाएं आती हैं, जिससे तरक्की नहीं होती है. नौकरी या बिजनेस दोनों ही सफल नहीं होते हैं, उसमें स्थायित्व नहीं रहता.
3. कालसर्प दोष होने के कारण व्यक्ति को सेहत की समस्याएं हो सकती हैं. धन की कमी और मानसिक तनाव से परेशान रह सकते हैं.
4. कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को संतान से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है.
5. कालसर्प दोष की वजह से वैवाहिक जीवन तनावपूर्ण हो सकता है. पति और पत्नी में वाद विवाद की स्थितियां रहती हैं.
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कालसर्प दोष के 5 आसान उपाय
1. पौष अमावस्या के दिन आप नवग्रह शांति या फिर राहु-केतु की शांति के लिए पूजा पाठ करा सकते हैं. इसके अतिरिक्त आप राहुकाल में भगवान शिव की पूजा करें. इससे भी लाभ होगा.
2. कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए चांदी के नाग और नागिन के दो जोड़े बनवाएं. पौष अमावस्या पर शिव जी की विधिपूर्वक पूजा करें और वहां पर एक नाग नागिन का जोड़ा अर्पित करें. दूसरा जोड़ा गंगा नदी में प्रवाहित कर दें. भगवान शिव से प्रार्थना करें कि वे आपको कालसर्प दोष से मुक्त करें.
3. कालसर्प दोष के निवारण के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करा सकते हैं या फिर रुद्राभिषेक कराएं. इन दोनों उपायों से आपके जीवन के संकट दूर होंगे और खुशहाली आएगी.
4. प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करें और शिव तांडव स्तोत्र पढ़ें. भगवान भोलेनाथ के आशीष से हर संकट दूर होगा.
5. किसी नदी में आप मसूर की दाल और साबुत नारियल प्रवाहित कर सकते हैं. इसके अलावा शनिवार को नदी में कोयले के टुकड़े प्रवाहित करें. पीपल के पेड़ की पूजा करें और उसकी 7 बार परिक्रमा करें. इसके अलावा कंबल का दान भी करना चाहिए.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha
FIRST PUBLISHED : January 9, 2024, 15:25 IST